बिल्ली
बिल्ली
(बालगीत)
दबे पाँव से आई बिल्ली ।
घर में धूम मचाई बिल्ली ।।
काली भूरी आँखो वाली ।
अपनी पूँछ हिलाई बिल्ली ।।
चूहा राजा घूम रहा था।
सरपट दौड़ लगाई बिल्ली ।।
भागा चूहा बिल के अंदर ।
माथ पकड़ पछताई बिल्ली ।।
भूख लगी तो म्याऊँ म्याऊँ।
अब आवाज लगाई बिल्ली ।।
घूम घूम कर इधर उधर से ।
घर में सेंध लगाई बिल्ली ।।
कूद फाँद कर सींके ऊपर ।
चाँटे दूध मलाई बिल्ली ।।
डंडा लेकर मुन्ना पहुँचा।
भगकर जान बचाई बिल्ली ।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
Mahendra Dewangan Mati
(बालगीत)
दबे पाँव से आई बिल्ली ।
घर में धूम मचाई बिल्ली ।।
काली भूरी आँखो वाली ।
अपनी पूँछ हिलाई बिल्ली ।।
चूहा राजा घूम रहा था।
सरपट दौड़ लगाई बिल्ली ।।
भागा चूहा बिल के अंदर ।
माथ पकड़ पछताई बिल्ली ।।
भूख लगी तो म्याऊँ म्याऊँ।
अब आवाज लगाई बिल्ली ।।
घूम घूम कर इधर उधर से ।
घर में सेंध लगाई बिल्ली ।।
कूद फाँद कर सींके ऊपर ।
चाँटे दूध मलाई बिल्ली ।।
डंडा लेकर मुन्ना पहुँचा।
भगकर जान बचाई बिल्ली ।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
Mahendra Dewangan Mati
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