लक्ष्यवेध
लक्ष्यवेध
लक्ष्यवेध को लेकर के हम, आगे बढ़ते जाएंगे।
ज्ञान और विज्ञान की बातें, बच्चों को बतलायेंगे ।।
प्रतिभा बच्चों में भी, इसको हम दिखलायेंगे।
शून्य निवेश के नवाचार से, बच्चों को सीखनेलायेंगे ।।
बच्चे हैं मिट्टी के जैसे, इसको आकार बनायेंगे।
जिस शाखे में, चाहे, वही ढल जायेंगे ।।
बहुत प्रतिभा है बच्चों में, उसको आगे लायेंगे।
निखर जायेगा गुण सब का, मार्गदर्शन करेंगे जायेंगे ।।
लक्ष्यवेध को लेकर के हम, आगे बढ़ते जाएंगे।
ज्ञान और विज्ञान की बातें, बच्चों को बतलायेंगे ।।
प्रतिभा बच्चों में भी, इसको हम दिखलायेंगे।
शून्य निवेश के नवाचार से, बच्चों को सीखनेलायेंगे ।।
बच्चे हैं मिट्टी के जैसे, इसको आकार बनायेंगे।
जिस शाखे में, चाहे, वही ढल जायेंगे ।।
बहुत प्रतिभा है बच्चों में, उसको आगे लायेंगे।
निखर जायेगा गुण सब का, मार्गदर्शन करेंगे जायेंगे ।।
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया छत्तीसगढ़
पंडरिया छत्तीसगढ़
बहुत बढ़िया रचना
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