सावन झूला उत्सव गीत

(11) साक्षी साहू सुरभि गीत सावन में झूलों का उत्सव, खुशियाँ लेकर आया है। सावन में झूलों का उत्सव, खुशियाँ लेकर आया है। तन-मन में उठी हिलोरें अंतर्मन भी हरषाया है। सावन की बौछार पड़ी धरती पर, पड़ गये झूलें अमरैया में। बरखा की बूँदें मोती सा चमके, सौंधी महक उड़ने लगी पुरवैया में। अमरैया की डाली में बैठ कर कोयल ने गीत सुनाया है सावन में......... सावन की उन्मत्त बहारें, सजना की याद दिलाये मन मयूर उमंग में नाचे गीत प्रेम के गाये परदेशी सजन आज लौट कर घ...